कोरोना का कहर है छाया। देखो इससे जग घबराया। कोरोना का कहर है छाया। देखो इससे जग घबराया।
शहर के उस पार उस सुनसान हवेली में नहीं जाता कोई पूर्णमासी रात में। शहर के उस पार उस सुनसान हवेली में नहीं जाता कोई पूर्णमासी रात में।
कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ। कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।
तेरे नाम की वो चिठ्ठी तुझे दे ना पाई। तेरे नाम की वो चिठ्ठी तुझे दे ना पाई।
ज्यों कच्चा चिठ्ठा खुलते देखा त्यों नौ दो ग्यारह होते देखा। ज्यों कच्चा चिठ्ठा खुलते देखा त्यों नौ दो ग्यारह होते देखा।
सात जन्मों का साथ हो जैसे। सात जन्मों का साथ हो जैसे।